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वर्तनी सुधार
चारपाई के चारों कोण
व्यथाएँ करवट लेतीं मौन
जगत जगत् थकता, सोता, उठता
खुशी-चिंता लिखती अनुभव
हँसी के वचनों की भाषा
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