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हमारे सामने आओ कि हम भी देख सकें / गुलाब खंडेलवाल
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21:09, 6 जुलाई 2011
हटो भी काली घटाओ! कि हम भी देख सकें
गये किधर वे
उमंगो भरे
उमंगोभरे
बहार के दिन
दिया कोई तो जलाओ कि हम भी देख सकें
Vibhajhalani
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