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हे प्रभु! सब अपराध हमारे क्षमा करो
हम अबोध शिशु नाथ तुम्हारे , क्षमा करो
लोभ-मोह-वश, जाने या अनजाने में
दोष हुए जो बिना विचारे, क्षमा करो
 
भूले मन्त्र त्याग के सारे , क्षमा करोभोग किये प्राणों से प्यारे , क्षमा करो
अर्थ-काम के रथ में अविरत जुते रहे
हम अपने ही मन से हारे , क्षमा करो
 
थे अनीति पर चुप्पी धारे , क्षमा करोडिगे सत्य से भय के मारे , क्षमा करोचिर-अहेतुकी अहैतुकी कृपा तुम्हारी पाकर भी
फिरे जगत में हाथ पसारे, क्षमा करो
 
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