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Kavita Kosh से
पूछता कौन वहाँ, --'स्नेह लुटाया क्यों था!'
अधजला-सा, कि जला-सा, कि जलन पीता-सा
तू ज़रा पूछ उसी से उसीसे कि जलाया क्यों था!
'शाह जमशेद कहाँ तख़्त सुलेमानी आज!