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कोई रोने के सिवा काम भी है / गुलाब खंडेलवाल
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20:21, 22 जुलाई 2011
जिसमें हम-तुम भी छूटते पीछे
प्यार में ऐसा एक
मुकाम
मुक़ाम
भी है
है तो दुनिया बड़ी हसीन, मगर
Vibhajhalani
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