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Kavita Kosh से
या जीतके उसको अपना बना, या हारके बन जा तू उसका
हर हाल में तेरी जीत ही है, यह प्यार की बाजी बाज़ी ठान तो ले
माना कि, गुलाब! उन आँखों में, रंगों का तेरे कुछ मोल नहीं
राहों में बिखर जा प्यार की तू, कुछ दिल का कहा भी मान तो ले
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