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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजूरंजन प्रसाद |संग्रह= }} <poem> आसमान को तका और बर्…
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{{KKRachna
|रचनाकार=राजूरंजन प्रसाद
|संग्रह= }}
<poem>
आसमान को तका
और बर्फ-सी चमचम
सफेद दरांती की तरह
उतर आया
फेंफड़ों से होकर पूरे जिस्म में
जाना
दूज का चांद था।
(7.6.97)
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=राजूरंजन प्रसाद
|संग्रह= }}
<poem>
आसमान को तका
और बर्फ-सी चमचम
सफेद दरांती की तरह
उतर आया
फेंफड़ों से होकर पूरे जिस्म में
जाना
दूज का चांद था।
(7.6.97)
</poem>