भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अमर बेल / सुरेश यादव

3 bytes removed, 04:48, 12 अगस्त 2011
<poem>
समर्पण की उसकी
अपनी अअदा अदा है
लिपटता है इअस अदा से
जिस पेड़ पर भी