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Kavita Kosh से
कौन रखता यहाँ प्यार के वादों का हिसाब!
आप नाहक हैं परेशानपरीशान, कोई बात भी हो!
यों तो ख़ुशबू का ख़जाना है पँखुरियों में, गुलाब!
क्या पता इनमें तेरे प्यार की सौग़ात भी हो
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