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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशांत मिश्रा }} {{KKCatKavita}} <poem> आज हमारे देश की हालत तो…
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|रचनाकार=निशांत मिश्रा
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आज हमारे देश की हालत तो देखिए जरा,
कोई राम के नाम पर वोट मांगता,
कोई आरक्षण के नाम पर,
किन कारणों से बंट रहा है देश,
कौन है जो चाहता हम हों मटियामेट,
ये देखिए और सोचिये तो जरा.....
कभी मंदिर निर्माण, तो कभी आरक्षण के बारे में,
सोचिये तो जरा,
आज हमारे देश की हालत तो देखिए जरा....
इन नेताओं के कारण, देश का हो रहा है बंटाधार,
पहले देश चोटी पर था, अब है हाल बेहाल,
अगर मारना है भूत-प्रेत तो,
तंत्र जाप कीजिये,
हटाना है भ्रष्ट नेताओं को तो,
कुर्सी ले लीजिये,
देश के नौजवानों सोचिए, फिर फैसला कीजिये जरा,
आज हमारे देश की हालत तो देखिए जरा....</poem>
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