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Kavita Kosh से
बन के तितली चमन में भी आया करो, फूल की तरहा तुम मुस्कराया करो
याद करके तुझे गीत लिखता हूँ मैं, मेरा हर गीत भी है बस तुम्हारे लिए
चैन आ जाएगा मन बहल जाएगा, गीत मेरा लिखा गुनगुनाया करो