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Kavita Kosh से
इच्छाएँ जुड़ी हुई हैं
देश-देश घूमने की
चांदनी रात में चांदी की तरह
चमकती पटरियाँ
उसके मस्तिष्क में कौंधती हैं
लड़की रेल के बारे में सोचती है
कि रेल अपने लोहे के पहिए
के साथ कितने शहर
धांगती होगी
लड़की घर के बाहर
निकलना चाहती है
वह चाहती है, उसके पाँव
लोहे के पहियों में बदल जाएँ