भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

राजीव भरोल 'राज़'

885 bytes added, 12:31, 3 सितम्बर 2011
*[[यहाँ मुस्कुराना बहुत लाज़मी है / राजीव भरोल]]
*[[इश्क़ पर ये इम्तिहाँ फिर आ पड़ा है / राजीव भरोल]]
*[[तुम्हारी सोच के सांचे में ढल भी सकता था / राजीव भरोल 'राज़']]
*[[पड़ा हुआ जो ये पानी में जाल है साहब / राजीव भरोल 'राज़']]
*[[किसी सूरत ग़मे दिल का मदावा हो नहीं सकता / राजीव भरोल 'राज़']]
*[[जिसको काँटा नहीं चुभा होगा / राजीव भरोल 'राज़']]
*[[बड़ी शिद्दत से पहले तो वो अपने घर बुलाता है / राजीव भरोल 'राज़']]
*[[बुलंदियों से हमें यूँ तो डर नहीं लगता / राजीव भरोल 'राज़']]
 
</sort>