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|रचनाकार='अना' क़ासमी
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<poem>
चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है
हमें लड़ना नहीं है बस हमें तो प्यार करना है
अभी कुछ शेर सीना चीर कर उतरा नहीं करते
तिरे अबरू1 अबरू<ref>भवें</ref> को थोड़ा और भी ख़मदार2 ख़मदार<ref>टेड़ा</ref> करना है
इसी चक्कर में हमने सैकड़ों दीवान3 दीवान<ref>ग़ज़ल की पान्डो लिपि ग़ज़ल</ref> पढ़ डाले
सुना कर शेर उसको प्यार का इज़हार करना है
मुझे जाने दो मेरे और भी कुछ काम बाक़ी हैं
जिसे महफ़िल सजानी है उसे तैयार करना है </poem> 1 भवें 2 टेड़ा 3 ग़ज़ल की पान्डो लिपि ग़ज़ल{{KKMeaning}}