भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अनुभूति / रमा द्विवेदी

4 bytes added, 15:57, 12 अक्टूबर 2008
कैसी है विडम्बना जीवन की?<br>
सच्चे प्रेम का मूल्य,<br>
नहीं समझ पाता कोई?<br>
फिर भी वह करता है प्रेम जीवन भर,<br>
सिर्फ इसलिए कि-<br>
प्रेम उसका ईमान है,इन्सानियत है,<br>
पूजा है॥<br><br>
Anonymous user