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आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो / 'अना' क़ासमी
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10:12, 7 सितम्बर 2011
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आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो
वो भवें चढ़ने तो दो तीरो-कमां होने तो दो
वो अधूरा शेर अब तकमील के नज़दीक़ है
आज उस नामेहरबां को मेहरबां होने तो दो
</poem>
Shrddha
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