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बाबा अब तो आँखें खोल / श्रद्धा जैन
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10:26, 7 सितम्बर 2011
<poem>
प्यार में बिक जाये बेमोल
वर्ना
इक
गुड़िया
है
अनमोल
गोल-मटोल
जीवन नैया डांवांडोल
Shrddha
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