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किण नै देवाँ ओळमाँ किण नै कैँवा बात ।
टाबरियाँ रै पेट पर राम मार दी लात ॥
कठिन राजस्थानी शब्दो के हिन्दी अर्थ :-
जठै - जहां ,
पर पूठ = पीछे से ,
रूंखडा = पेड़ ,
खळा = खलिहान ,
धोरा = टीला ,
बां खातर = उसके लिये,
तज =त्याग ,
बिरथा = व्यर्थ ,
जूण = योनी,
चौपड़= चौसर ( एक प्रकार का खेल ) ,
ठीडै = जगह ,
ठुकरेश = राजपूती हेकडी ,
ठोड अर ठांयचै = जगह ठिकाना ,
हिरण्यां और कीरत्यां = एक प्रकार के तारे जो रात्री में समय देखने के काम आते है ,
पाण्डियो =पंडित ,
जजमान = यजमान
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