भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
किण नै देवाँ ओळमाँ किण नै कैँवा बात ।
टाबरियाँ रै पेट पर राम मार दी लात ॥
 
 
 
कठिन राजस्थानी शब्दो के हिन्दी अर्थ :-
 
जठै - जहां ,
पर पूठ = पीछे से ,
रूंखडा = पेड़ ,
खळा = खलिहान ,
धोरा = टीला ,
बां खातर = उसके लिये,
तज =त्याग ,
बिरथा = व्यर्थ ,
जूण = योनी,
चौपड़= चौसर ( एक प्रकार का खेल ) ,
ठीडै = जगह ,
ठुकरेश = राजपूती हेकडी ,
ठोड अर ठांयचै = जगह ठिकाना ,
हिरण्यां और कीरत्यां = एक प्रकार के तारे जो रात्री में समय देखने के काम आते है ,
पाण्डियो =पंडित ,
जजमान = यजमान
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,492
edits