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|रचनाकार=भारती पंडितप्रभात कुमार सिन्हा
|संग्रह=
}}
एक पत्थर ने
इंकार किया नुकीला बनकर चलने से
आदमी ने वहां देवघर[<ref]>बाबा भोलेनाथ के मन्दिर के लिए प्रसिद्ध झारखंड का एक शहर [</ref] > बसा दिया
</Poem>
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