भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समवेत / ओम पुरोहित ‘कागद’

No change in size, 11:22, 15 सितम्बर 2011
सब ने समवेत किया
चमन को नमन
करोड़ोँ हाथोँ ने
उगाई फसलेँ
लाखोँ हाथोँ ने
...किया श्रम
कारखानोँ-खदानोँ मेँ
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
<Poem>
सब ने समवेत किया
चमन को नमन
करोड़ोँ हाथोँ ने
उगाई फसलेँ
लाखोँ हाथोँ ने
...किया श्रम
कारखानोँ-खदानोँ मेँ
हजारोँ हाथोँ ने
किया कागज पर हिसाब
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits