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14:42, 16 सितम्बर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश त्रिपाठी 'शम्स'
}}
<poem>
मान घटता है प्यार जाता है ,
मांगने से मेयार जाता है .
प्यार करता है वो मुझे शायद ,
इसलिए मुझसे हार जाता है .
डूबने का न खौफ़ हो जिसको ,
बस वही शख़्स पार जाता है .
प्यार का सिर्फ़ इक हसीं लम्हा ,
ज़िन्दगी को संवार जाता है .
‘शम्स’ आता है वो शिफ़ा बनके ,
ताप मन का उतार जाता है .
</poem>