भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
*[[पत्थर को पिघलाने जैसा तुम को प्यार सिखाना है /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
*[[तुमने ही मुंह मोड़ लिया मन की आशाएं जाएँ कहाँ /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
*[[दर्दे -दिल पहुंचेगा अब अंजाम तक /वीरेन्द्र खरे 'अकेला ' ]]*[[उठती शंकाओं पार सोच विचार बहुत आवश्यक है /वीरेन्द्र खरे 'अकेला ' ]]*[[चाहते जीना नहीं पर जीने को मजबूर हैं /वीरेन्द्र खरे 'अकेला ' ]]
*[[चुप रहेंगे ग़लत पर कदाचित नहीं /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
*[[फिर बढ़ाना द्वार पर पाबंदियां /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
338
edits