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|रचनाकार=नवनीत पाण्डे
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<poem>दिल्ली
केवल नाम नहीं है किसी षहर शहर कापहचान है एक देष देश कीप्राण है एक देष देश का
यह अलग बात है-
दिल्ली में एक नहीं
पहुंचता है दिल्ली का अख़बार
हर गली, गांव, शहर की दीवारें उठाए हैं
दिल्ली के इष्तहारइश्तहार
आंखे देखती हैं- दिल्ली
कान सुनते हैं- दिल्ली