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* [[अँधेरे की सुरंगों से निकल कर / जहीर कुरैशी]]
* [[घर छिन गए तो सड़कों पे बेघर बदल गए / जहीर कुरैशी]]
* [[सब की आँखों में नीर छोड़ गए / जहीर कुरैशी]]
* [[हमारे भय पे पाबंदी लगाते हैं / जहीर कुरैशी]]