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'''गैंग रेप के बाद'''
उसके आसपास पडी पड़ी थीं
शराब की बोतलें, फ्राई फिश के कांटें
और चिकेन की चिचोरी गयी हड्डियां
हिलाते हुए उसने अहसासा
हृदयंगम पीड़ाओं को नाखुनों में
तभी सांस चल पडी पड़ी अनचाहे
उसका जी मितलाने लगा
उसके गालों पर मर्दाने थूक की बदबुओं से,