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*[[अपने वतन की ख़ुशबू ,फैली है कुल जहाँ में / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"]]
*[[अभी बोल उठ्ठेगी, पत्थर कि मूरत /पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"]]
*[[मुद्दत-सी हो गई , गम-ए-दर्द को सम्भाले/पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"]]*[[दिखावा है मुहब्बत में किसी की ऐतबारी क्या/पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"]]