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21:39, 13 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>खारा तूंबा मत तोड़ भायला
कंवळा धागा तूं जोड़ भायला
ऐ तपता धोरा हेला पाड़ै
मत जा आगै मुख मोड़ भायला
पग-पग पड़्या पीड़ रा मोती
म्हैं कैवूं- औ धन जोड़ भायला
जे बराबरी रो खेल निभावै
एक छोड हुवै करोड़ भायला
आ खुली हवा, पसरण दे सौरम
खुद नै खुद में मत रोड़ भायला
</poem>