Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}<poem>घनख अंधारी रात, दीवो जगा
उजास चावै रात, दीवो जगा

बिना चांद टीकै ई पळकै रूप
मुळक उठै आ रात, दीवो जगा

बै जुगां सूं चींथै सुख-सांस नै
चवड़ै कर हर घात, दीवो जगा

इण जोत सूं जोत जगती जावै
जोत में करामात, दीवो जगा

म्हैं नीं रैवां, पण रैवै उजास
आ लाखीणी बात, दीवो जगा
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,492
edits