806 bytes added,
09:51, 16 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
{{KKCatKavita}}
<poem>ना हरख है ना तिंवार अठै
आपां आया बेकार अठै
हवा धांसै अर थूकै खून
लागै सगळा बीमार अठै
सांस नै खावण लागी सांस
पड़सी किंयां अबै पार अठै
अड़ै तो अड़ो भलांई ऐढ़ा
मिलै कोनी कीं उधार अठै
अळघा ऊभा मुळकै सगळा
बेड़ो करसी कुण पार अठै</poem>