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09:54, 16 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
{{KKCatKavita}}
<poem>बीं नगरी-गांव कूच कर बाबा
जठै नीं हुवै कोई डर बाबा
धमाकै सागै घायल हुवै चिड़ी
कोई जतन-जापतो कर बाबा
ऐ कैवै- जबान अडाणै धरो
जीवता थकां जावां मर बाबा
आगीवाण हुया खुद धाड़ेती
हुवैला अबै किंयां बसर बाबा
ना हरख ना तिंवार अठै कोई
औ है कैड़ो-कांई घर बाबा</poem>
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