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16:01, 18 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आखर री औकात / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>आयै बरस
रेत में रळ जावै
अमी रो टोपो
०००
रोजीना पाटै
उमर-डायरी सूं
सांस रो पानो
०००
थे बांचो पोथा
म्हारै नांव कर द्यो
ढाई आखर
०००
तावड़ो आछो
म्हांरै पगां तो पड़्या
छींया में छाला
०००
बिरखा पछै
कोडै बांधै टाबर
रेत रा घर
०००
</poem>