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23:08, 20 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशान्त
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>उसने हर बार चाहा कि
अबकी बार तो
बन जाए
मुस्कराहट भरी पोज
लेकिन लाख कोशिशों के
बावजूद
फोटोग्राफर के
‘स्माईल प्लीज’ पर
कुछ नहीं हुआ उससे
और फोटो में
आ गया वही
लटका हुआ चेहरा।
</poem>
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