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15:43, 21 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आखर री औकात / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>बिरछ-बेल
जुगां सूं चिप्या रैवै
तो ई तिरसा
०००
नूंवां व्है लोग
बदळै घटनावां
अरथ सागी
०००
बांसां उछळै
थांरो कागद बांच
ओ मन घोड़ो
०००
सावण तीज
आभै में मावै कोनी
बैरण बीज
०००
दीठी उधाड़ी
म्हारी रगां रगत
उछाळा मारै
०००
</poem>