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Kavita Kosh से
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चल ततइया !
काट तन मोटी व्यवस्था का
देश का पइया !
चल ततइया !
छोड़ मीठा गुड़
तू वहाँ तक उड़
है जहाँ पर क़ैद पेटों में रुपइया !
चल ततइया !!
डंक कर पैना
चल बढ़ा सेना
थाम तुरही, छोड़कर मीठा पपइया !!
चल ततइया !!
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