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Kavita Kosh से
'कविता कोश रास्ता भी है ,मंज़िल भी है और सफर पर निकले अ...' के साथ नया पन्ना बनाया
कविता कोश रास्ता भी है ,मंज़िल भी है और सफर पर निकले अबोध पथिक के लिये एक छायादार वटवृक्ष भी । जिस पर लगे काव्यपत्रोँ से प्रवाहित शीतल पवन राहत भी देती है और चलते रहने की चाहत भी मन मेँ जगाती रहती है ...शुक्रिया 'कविता कोश '