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{{KKRachna
|रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य
|संग्रह=केवल एक पत्ती ने / नंदकिशोर आचार्य}}<poem>साधू साधु ने भरथरी को
दिया वह फल—
अमर होने का
भरथरी ने रानी को
दे दिया
रानी ने प्रेमी को अपने
प्रेमी ने गणिका को
और गणिका ने लौटा दिया
फिर भरथरी को वह
वह नहीं समझ पाया:
हर कोई चाहता है
अमर करना
प्रेम को अपने.। 5 अप्रैल 2010</poem>