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गहरे तहखाने / अर्जुनदेव चारण

10 bytes added, 07:21, 1 दिसम्बर 2011
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कलेजा ठंडा करने ईश्वर कोतुम्हाराकिसने देखाबहाता है वह आसूंकभी रोते हुएलोग उसे पहचानते हैंशायद इसीलियेकहते हैं मेहतुमनेबाबुल इसी तरहकभी नहीं भरी हिचकीबरसाया करता हैअपना नेह।क्या गहरे तहखानेहम लोगइसी खातिर बनाते हैं मां ? 
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