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ज़िंदगी और बता तेरा इरादा क्या है / रामावतार त्यागी
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18:06, 4 दिसम्बर 2011
कुछ शब्दों की वर्तनी शुद्ध की
मुझको पैदा किया संसार में दो लाशों ने<br>
और बर्बाद किया क़ौम के अय्याशों ने<br>
तेरे दामन
बसा
में बस
मौत से ज़्यादा क्या है<br>
ज़िंदगी और बता तेरा इरादा क्या है<br><br>
नीरज द्विवेदी
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