भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'''माहिया:-'''
माहिया पंजाब के प्रेम गीतों का प्राण है । पहले इसके विषय प्रमुख रूप से प्रेम के दोनों पक्ष- संयोग और विप्रलम्भ रहे हैं।वर्तमान में इस गीत में सभी सामाजिक सरोकारों का समावेश होता है । तीन पंक्तियों के इस छ्न्द में पहली और तीसरी पंक्ति में 12 -12 मात्राएँ तथा दूसरी पंक्ति में 10 मात्राएँहोती हैं। पहली और तीसरी पंक्तियाँ तुकान्त होती है ।-'''रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’'''
1
आँसू जब बहते हैं