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{{KKGlobal}} {{KKRachna|रचनाकार=शिवदीन राम जोशी|संग्रह}}<poem>
लाल रंग बरसत चारों ओर।
नंदगोपाल राधिका जय-जय, नांचे नंद किशोर।
रंग गुलाल उडाने वारे, श्रीराधा के हो तुम प्यारे,
पूरण ब्रह्म रसिला कृष्णा, मन मोहक चित चोर।
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