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<poem>
::(1)
मेरा तुझ से है पहले का नाता कोई
यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न
धुआँ-धुआँ था वो समा
यहाँ-वहाँ जाने कहाँ
तू और मैं कहीं मिले थे पहले
देखा तुझे तो दिल ने कहा
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न
तू भी रही मेरे लिए
मैं भी रहा तेरे लिए
पहले भी मैं तुझे बाहों में लेके
झूमा किया और झूमा किया
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न
देखो अभी खोना नहीं
कभी जुदा होना नहीं
अब खेल में यूँही रहेंगे दोनों
वादा रहा ये इस शाम का
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न
::(2)
तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई
यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई