भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सदस्य वार्ता:Pratishtha

34 bytes added, 09:50, 13 अप्रैल 2008
/* "अंधेरे में - अज्ञेय" की पंक्ति */
नमस्ते प्रतिष्ठा जी
"अंधेरे में - अज्ञेय" की पंक्तिमें आपका परिवर्तन देखा | पिछला परिवर्तन "कन्धे पर हाथ रखा" से "कन्धे पर रक्खा हाथ" मेरे द्वारा किया गया था जिसे आपने पुनः वैसा ही कर दिया | यह परिवर्तन मैने प्रकाशित संस्करन (published edition or hard copy ) में से देख कर किया | प्रकाशित संस्करन में शब्दों की sequance इसी प्रकार दी गयी है | अतः अभी उसे पुनः वैसा ही कर रहा हूं | त्रुटि होने पर सूचित करें |
अमित