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राम का घर है कितनी दूर / शिवदीन राम जोशी
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07:01, 7 जनवरी 2012
{{KKCatRajasthan}}
<poem>
राम का घर है कितनी
दूर।
दूर।। राम...
मारग जटिल पार नहीं पावूं।
कदम कदम पे ठोकर खावूं।
Kailash Pareek
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