सात सौ रंगों वाला
हरा-लाल-नीला-पीला-रंगीला ।
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{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=ज्यून तकामी
|संग्रह=पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं सब / ज्यून तकामी
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[[Category:जापानी भाषा]]
<poem>
सपने में दिखा मुझे एक जलयान
सफ़ेद था सफ़ेद पूरा वह जलवाहन ।
इतनी ख़ूबसूरत थीं उसकी शुभ्र पाखें
कि ख़ुशी से भर आई थीं मेरी आँखें ।।
तभी आ गया वहाँ भयानक तूफ़ान
सपने में डूब रहा था वह जलयान ।
अथाह गहरे सागर में डूब गया जो
मेरे सपनों में आता है आज भी वो ।।
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</poem>