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दो-चार गाम / निदा फ़ाज़ली

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|रचनाकार=निदा फ़ाज़ली
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|संग्रह=खोया हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली
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दो-चार गाम राह को
हमवार देखना
आँगन में फैल जाए न
बाज़ार देखना.....!
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