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मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी हैं.. / श्रद्धा जैन
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12:55, 21 फ़रवरी 2012
ये मेरी ज़िंदगी क्या, एक मुजरिम की कहानी है
गुज़ारे माँ की गोदी में, सुनहरे दिन थे बचपन के
किताबे-उम्र का बस इक सबक़ ही याद है मुझको
तेरी कुर्बत में जो बीता वही लम्हा जवानी है
Shrddha
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