गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
काली पट्टी दिखती/ शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
5 bytes added
,
14:02, 28 फ़रवरी 2012
हर उंगली भोली चिड़िया के
पंख कतरती है,
राजा की
आँखो
आँखों
पर काली
पट्टी दिखती है ।
थाने के अन्दर अबला की
इज़्ज़त लुटती है ।
इनकी मरा आँख का पानी
तो वो अंधे हैं,
ख़बर निकलती है ।
राजा की
आँखो
आँखों
पर काली
पट्टी दिखती है ।
</poem>
Sheelendra
66
edits