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/* जज्वये-शहीद */
==जज्वये-शहीद==
'''मुखम्मस में प्रत्येक बन्द या चरण ५-५ पंक्ति का होता है पहले चरण में एक-सी लयबद्धता होती है और बाद के सभी बन्द अन्तिम पंक्ति में उसी लय में आबद्ध होते रहते हैं।'''
'''( बिस्मिल के मशहूर उर्दू मुखम्मस जज्वये-शहीद का काव्यानुवाद)'''
सर फ़िदा करते हैं कुरबान जिगर करते हैं,
देखें कौन आता है ये फ़र्ज़ बजा लाने को ?
नोट: बिस्मिल का यह उर्दू मुखम्मस भी उन दिनों सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ करता था यह उनकी अद्भुत रचना है यह इतनी अधिक भावपूर्ण है कि लाहौर कान्स्पिरेसी केस के समय जब प्रेमदत्त नाम के एक कैदी ने अदालत में गाकर सुनायी थी तो श्रोता रो पडे थे। जज अपना फैसला तत्काल बदलने को मजबूर हो गया और उसने प्रेमदत्त की सजा उसी समय कम कर दी थी। अदालत में घटित इस घटना का उदाहरण भी इतिहास में दर्ज हो गया।
==जिन्दगी का राज==