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हाइकु / रवीन्द्रनाथ ठाकुर

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|रचनाकार= रवीन्द्रनाथ ठाकुर
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शरत्काल
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दोनों अनुवाद शब्दिक हैं और बाशो की प्रसिद्ध कविताओं के हैं।”हैं।
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