[[Category: शेर]]
<poem>
(1)
अच्छा है डूब जाये सफीना<sup>1</sup> हयात<sup>2</sup> का,
उम्मीदो-आरजूओं का साहिल<sup>3</sup> नहीं रहा।
*****(2) अपने वो रहनुमा<sup> 4</sup> हैं कि मंजिल तो दरकनार<sup>5</sup>, कांटे रहे - तलब में बिछाते चले गए।*****(3) अपने ही दिल के आग में शम्अ पिघल गई, शम्ए-हयात<sup>6</sup> मौत के सांचे मे ढल गई।*****(4)
इक फूल है अंदेशा नहीं जिसको खिजाँ <sup>7</sup>का,
वह जख्म जिसे आप ने दामन से हवा दी।*****(5)इतना तो सोच जालिम जौरो-जफा<sup>8</sup> से पहले,यह रस्म दोस्ती की दुनिया से उठ जायेगी।
इतना तो सोच जालिम जौरो-जफा<sup>8</sup> से पहले,
यह रस्म दोस्ती की दुनिया से उठ जायेगी।
*****
</poem>
1.सफीना - नाव, नौका, किश्ती 2.हयात-जिन्दगी 3.साहिल - किनारा, तट।